स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रपोषित योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को चेताया कि लेटलतीफी कतई बर्दाश्त नहीं होगी

देहरादून। कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने शुक्रवार को अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य पारियोजनाओं से सम्बन्धित कार्यों में देरी एवं तमाम खामियों के मद्देनजर अधिकािरयों के साथ विभागीय समीक्षा की। नेशनल हैल्थ मिशन के अंतर्गत प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में चल रहे निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर डा धन सिंह रावत बिफर पडे़। उन्होंने विभागीय अधिकारियों का जवाब तलब करते हुए फटकार लगाई। साथ में निर्धारित समय सीमा में निर्माण कार्य पूरे नहीं करने पर कार्यदायी संस्थाओं को काली सूची में डालने की चेतावनी दी। केंद्रपोषित योजनाओं की समीक्षा के दौरान निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति और कार्यदायी संस्थाओं के ढुलमुल रवैये पर विभागीय मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य परियोजनाओं के लटकने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता हैं। समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के सरकार के प्रयासों पर भी असर पड़ रहा है। जिन योजनाओं को अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, वे अधूरी पड़ी हुई हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को हिदायत दी कि निर्माण कार्यों में लेटलतीफी कतई बर्दाशत नहीं की जाएगी। गैरजिम्मदार अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। डा रावत ने बताया कि प्रदेश में एनएचएम, ईसीआरपी-एक और ईसीआरपी-दो के अंतर्गत सैकड़ों निर्माण कार्य स्वीकृत हैं। इनमें ब्लड बैंक, आक्सीजन प्लांट, पीसीयू, आइसीयू बेड व उपकरण, क्रिटिकल केयर ब्लाक, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल एवं ट्रीटमेंट प्लांट, ट्रांजिट हास्टल सहित कई निर्माण कार्यों सम्मिलित हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को भी हिदायत दी कि लचर काय्रप्रणाली को चलने नहीं दिया जाएगा। शर्तोें के अनुरूप कार्य पूरा नहीं होने पर उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को पूरे हो चुके निर्माण कार्यों के उपयोगिता प्रमाणपत्र शीघ्र केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश भी दिए।
बैठक में स्वास्थ्य अपर सचिव अमनदीप कौर, स्वास्थ्य मानिदेशक डा विनीता शाह, एनएचएम के प्रभारी अधिकरी (निर्माण) मुकेश मोहन, प्रभारी अधिशासी अभियंता बीएन पांडे, देवेंद्र नैनवाल, पेयजल निगम, एचएससीएल, मंडी परिषद, सिंहचाई विभाग, ब्रिडकुल एवं अन्य कार्यदायाी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित रहे।